मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के जंबूरि मैदान में रिमोट के जरिए लाडली बहन योजना लॉन्च की रिमोट से ही योजना का थीम सोंग भी लॉन्च किया। इस योजना के तहत महिलाओ को हर महीने 1000 रुपए दिए जायेंगे। और इसके फॉर्म 20 मार्च से 20 अप्रिल तक भरे जायेंगे।
लाडली बहन योजना
मुख्यमंत्री जी ने बड़े ही आदर के साथ महिलाओ का स्वागत किया। स्पीच के दौरान वे घुटनों के बल बैठ गए। और महिलाओ को प्रणाम किया। और प्रणाम करते हुए कहा-अभी तक मे बेटियों की पूजा करता था। लेकिन, बहनो मे भी माँ दुर्गा, लक्ष्मी और सरस्वती को देखता हू। बहनो की सेवा करके मेरा मुख्यमंत्री और मानव जीवन सफल और सार्थक हो गया। मुख्यमंत्री जी ने यह भी बोला की- एक लाडली बहन सेना भी बनाएंगे। गड़बड़ करने वाले को ठीक कर देंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी ने सबसे पहले खुद अपने हाथ से लाडली बहन योजना का पहला फॉर्म भोपाल की रसूली बेलदार की कविता मस्तेरीया का भरा। सीएम ने जब कविता से पूछा की, आपके परिवार में कोई विधायक-सांसद तो नही है, इसपर कविता बोली-आप है ना…। सीएम भी हस दिए।
पत्नी को सुबह चार बजे जगाकर कहा- बहनो के लिए योजना दिमाग में आई है…
सीएम ने बताया कि एक दिन मे रात भर जागा। सुबह चार बजे पत्नी को जगाया। और कहा कि मेरे दिमाग मे एक योजना आई है। सभी बहने मुझे भाई मानती हैं। तो क्यु न में भी मेरी बहनो को कुछ दू। और वो भी साल भर में केवल एक ही बार नही, बल्कि हर महीने में मेरी बहनो को पैसे दूंगा। उन पैसों से बहनो के समस्याओं का समाधान होगा, और वे इज्जत से जी सकेगी। और इस विचार से बनी मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना। यह योजना ही नही बल्कि, बहनो की जिंदगी बचाने का महा अभियान है।
क्यो पड़ी योजना की जरूरत:-
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे( NFHS) के अनुसार मध्यप्रदेश की 23% महिलाएं बॉडी मास इंडेक्स मे पीछे है। सर्वे में 15 से 49 साल की 54.7% महिलाओ मे एनिमिया की शिकायत होने का पता चला है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा साल 2020-21 मे जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में श्रमबल सहभागिता दर मे ग्रामीण क्षेत्र में 57.7% पुरुषो की हिस्सेदारी है। वही महिलाओ की भागीदारी महज 23.3% है। शहरों में 55.9% पुरुष श्रम बल के मुकाबले महिलाओ की भागीदारी मात्र 13.6% है। सर्वे से पता चलता है की काम के नजरिए से पुरुषो के मुकाबले महिलाओ की भागीदारी कम है। इस कारण से महिलाएं आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर होने के बजाए पुरुषो पर आश्रित है।
यह महिलाएं योजना के लिए अपात्र मानी जाएगी:-
- जिनकी आय ढाई लाख रुपये से ज्यादा हो।
- जिनके परिवार में किसी को सरकारी नोकरी होगी।
- जिनके परिवार में पूर्व सांसद, पूर्व विधायक होंगे।
- जिनको टैक्स लगता हो।
- उपक्रम मंडल में नियमित, स्थायिकर्मि, सविदा कर्मी रिटायरमेंट के बाद पेंशन धारी।
- केन्द्र और राज्य सरकार के निगम, बोर्ड, मंडल के अध्यक्ष, संचालक सदस्य।
- स्थानीय निकायों के जन प्रतिनिधि ( पंच और उपसरपंच को छोड़कर)
- संयुक्त रूप से परिवार में पांच एकड़ से ज्यादा जमीन वाले परिवार।
- चार पहिया वाहन वाले परिवार( ट्रैक्टर सहित)
- इसी महिला जो केंद्र और राज्य सरकार की किसी योजना से एक हजार रुपये से ज्यादा प्रतिमाह ले रही हो।
ऐसे भरे जायेंगे फॉर्म:-
लाडली बहन योजना के फॉर्म भरने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों मे सभी गावो और नगरीय क्षेत्रों मे सभी वार्ड मे एक से ज्यादा जगहों पर माईक्रो प्लानn बनाकर केम्प लगाए जायेंगे। ग्राम पंचायत के सचिव तथा वार्ड प्रभारी। हितग्राही महिलाओ के आवेदन ऑनलाइन भरवाएंगे। इससे पहले महिलाओ को पहले से ही प्रपत्र मे जानकारी भर कर देनी होगी। ये प्रपत्र ग्राम पंचायतो, वार्ड कार्यालय और आंगनबाड़ी केंद्रो मे उपलब्ध रहेंगे।
कौन से दस्तावेज होना जरूरी है:-
- आवेदन भरने के लिए महिलाओ को केम्प मे परिवार की समग्र आईडी, अपनी समग्र आईडी, आधार कार्ड लेकर आना है।
- गाव वार्ड में लगे कैम्प के प्रभारी महिला द्वारा भरे गए आवेदन पत्र के अनुसार पूरी जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।
- इसके बाद महिला की ऑन स्पॉट फोटो निकालकर पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
- ऑनलाइन आवेदन सबमिट होने के बाद पावती का प्रिंटआउट भी महिला को दिया जायेगा।
- आवेदको की लिस्ट ग्राम सरपंच, वार्ड में चस्पा की जाएगी।
अपने मुख्यमंत्री लाडली बहन योजना को तो जान लिया है | इसी के साथ आप हमारी यह पोस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिर बने दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता को पड़े।
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