नमस्कार दोस्तो! आज का हमारा टॉपिक है, इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी मे करियर के बेस्ट विकल्प (Industrial psychology in hindi)। इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी इंडस्ट्री के काम से जुड़ी साइकोलॉजी है। इसमें मुख्यत: किसी कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के व्यवहार के बारे में पढ़ाया जाता है। इसके अलावा इसमें कार्यस्थलों की स्तिथि और संगठनो के सिद्धांतों से जुड़े संस्था के सदस्यों पर, वैज्ञानिक अध्ययन करने वाले विषय इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के बारें में जानेंगे।
इस पोस्ट मे निम्नलिखित विषयों पर बात करेंगे।
आईये इन सब विषयों पर विस्तार से बात करते हैं।
1) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी क्या है? (Industrial psychology in hindi)
किसी भी संस्था की सफलता को बिना इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के नहीं आँका जाना चाहिए, क्योंकि इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी किसी भी संस्था या संगठन से जुड़े लोगों के व्यवहार और उनके दृष्टिकोण का अध्ययन करवाती है। जिसके बाद इंडस्ट्रियल साइकोलॉजिस्ट एक बेहतर नीति बनाने का काम करता है, जिससे संस्था या संगठन को एक बेहतर वातावरण मिलता है।
2) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के लिए स्किल्स
- कम्युनिकेशन
- प्रॉब्लम सॉल्विंग
- रिसर्च
- एंपैथी
- पेशेंस
- एथिक्स
- ऑब्जर्वेशन
- इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन
- क्रिटिकल थिंकिंग
- एनालिटिकल स्किल
- टाइम मैनेजमेंट
- सोशल स्किल्स
- इमोशनल इंटेलिजेंस
- सेल्फ अवेयरनेस
- फ्रेंडली इंड्रस्ट्रियल बिहेवियर आदि।
3) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए बेस्ट कोर्सेज़ (industrial psychology courses)
- Diploma in Industrial Psychology
- Bachelors in in Industrial Psychology
- Masters in Industrial Psychology
- PhD in Industrial Psychology
4) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए टॉप भारतीय कॉलेजेस (industrial psychology colleges in india)
- जैन यूनिवर्सिटी, बैंगलोर
- भरतहियर यूनिवर्सिटी, कोयम्बत्तूर
- जम्भेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी
- महात्मा गाँधी विद्यामंदिर इंस्टिट्यूट
- एमएस यूनिवर्सिटी, बड़ौदा
- फर्गूसन कॉलेज, पुणे
- एमिटी यूनिवर्सिटी, नोएडा
- उत्कल यूनिवर्सिटी, भुवनेश्वर
- अवदेश प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, रेवाड़ी
5) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए योग्यताएं
- सबसे पहले तो आपके पास मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारवीं में पास होने की मार्कशीट होनी चाहिए।
- फिर आपको साइकोलॉजी या आर्गेनाइजेशनल साइकोलॉजी में प्रमुख रूप से बैचलर्स की डिग्री करने की आवश्यकता है।
- अपनी बैचलर्स की पढ़ाई पूरी करने पर आप बिज़नेस मैनेजमेंट, ह्यूमन रिसोर्सेस और मार्केटिंग जैसे विभिन्न संगठनों में इंटर्नशिप या शुरुआती स्तर की भूमिकाओं के लिए अपना योगदान दें सकते हैं।
- इसके बाद जो छात्र प्रतिष्ठित निजी और सरकारी संगठनों में इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी का अभ्यास करना चाहते हैं, उनके पास ऑर्गेनाइजेशनल/इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी में विशेषज्ञता के साथ मास्टर डिग्री होना आवश्यक है।
- आप इसके साथ ही मास्टर ऑफ आर्ट्स (एमए) या मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) की डिग्री का विकल्प भी चुन सकते हैं, जिसमें आपको एक थीसिस को पूरा करने की आवश्यकता होगी जो कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसके बाद आप या तो करियर की संभावनाओं का पता लगा सकते हैं या विकल्प चुन सकते हैं।
- पीएचडी कार्यक्रमों को चुनकर रिसर्च और डेवलोपमेन्ट डोमेन या फिर इसके अलावा, एमबीए करना, यह एक पूरक डिग्री के रूप में कारगर साबित होगा। जिससे छात्रों को अर्थशास्त्र और मैनेजमेंट पहलुओं से संबंधित ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलती है।
- यदि आप रिसर्च या शिक्षा के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं तो आपको डॉक्टरेट की डिग्री पूरी करनी होगी। जिस भी कोर्स में आप रुचि रखते है, उसके आधार पर डॉक्टरेट पाठ्यक्रम पूरा होने में लगभग 4-5 वर्ष लगते ही हैं।
- यदि आप औद्योगिक साइक्लोजी का अभ्यास करना चाहते हैं, तो इंटर्नशिप के रूप में काफी मात्रा में कार्य अनुभव के साथ पीएचडी या डॉक्टरेट की डिग्री के साथ स्नातक होने पर आपको लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
- आपको लाइसेंस प्राप्त करने के लिए इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के क्षेत्र से संबंधित राज्य या राष्ट्रीय स्तर के बोर्डों तक पहुंचना पड़ सकता है आदि।
6) भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
7) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के लिए प्रवेश परीक्षाएं
- MU-OET
- DUET
- BHU PET
- CUCET
- JUET
- जामिया प्रवेश परीक्षा
8) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के बाद करियर स्कोप (Career And Jobs After Graduation In Psychology)
- ह्यूमन रिसोर्सेस ऑर्गेनाइज़ेशनल डेवलोपमेन्ट मैनेजर
- बिहेवियर एनालिस्ट
- टैलेंट मैनेजमेंट स्पेशलिस्ट
- रिसर्च एनालिस्ट
- युनिवर्सिटी प्रोफेसर
- कंसल्टैंट
- टीम डेवलोपमेन्ट मैनेजर
- ह्यूमन रिसोर्सेस प्रैक्टिस मैनेजर
- ऑर्गेनाइजेशनल डेवलोपमेन्ट साइक्लोजिस्ट
- कंज्यूमर साइक्लोजिस्ट
- पर्सनल एनालिस्ट
- इंस्ट्रक्शनल डिज़ाइनर
9) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के बाद जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी (industrial psychology salary)
- साइकोमेट्रिक रिसर्चर – ₹6-8 लाख सालाना
- लीड-इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स – ₹12-15 लाख सालाना
- इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपर्ट – ₹15-20 लाख सालाना
- मैनेजर/सीनियर मैनेजर- इंटरनेशनल ह्यूमन रिसोर्सेज ऑपरेशन्स एंड प्रोजेक्ट्स- स्ट्रक्चर्ड इंटर व्यूइंग (टैलेंट एक्वीजीशन) – ₹17-20 लाख सालाना
- डीजीएम – ह्यूमन रिसोर्सेस एंड इंडस्ट्रियल रिलेशन्स ₹23-25 लाख सालाना
10) निष्कर्ष – Industrial psychology in hindi
इस पोस्ट मे हमने इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी मे करियर के बेस्ट विकल्प इस टॉपिक पर पूरी जानकारी दी है। इसमे हमने आपको इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी क्या है से लेकर इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी करने के बाद जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी सभी विषयों पर विस्तार से बताया है।
उम्मीद है कि, आपको यह पोस्ट(Industrial psychology in hindi) पसंद आई होंगी। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करे, ताकि जो अभ्यर्थी इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी मे अपना करियर बनाना चाहते है, उन लोगों तक यह पोस्ट पहुँच सके, और उनको मदद हो सके।
अपने Industrial psychology in hindi? तो जान लिया है | इसी के साथ आप हमारी यह पोस्ट Sarkari vakil kaise bane पड़े।
FAQs ( इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी मे करियर के बेस्ट विकल्प)
1) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी का जनक किसे माना जाता है?
इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी का जनक विल्हेम वुंट को माना जाता है।
2) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी किसे कहते हैं?
इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी व्यावहारिक साइकोलॉजी की एक शाखा है जो कि किसी संसथान या संगठन में कर्मचारियों के व्यवहार और दृष्टिकोण का अध्ययन करती है और साथ ही एक बेहतर नीति से संस्था या सगठन को उन्नति के मार्ग पर ले जाती है।
3) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के प्रमुख क्षेत्र कौन से हैं?
इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के मुख्यतः 3 क्षेत्र होते हैं;
-आर्गेनाइजेशनल
-इंडस्ट्रियल
-ह्यूमन फैक्टर
4) इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के मुख्य सिद्धांत क्या हैं?
इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी के मुख्य सिद्धांत क्रमशः ऑर्गेनाइजेशनल साइक्लोजी की विशेषता भर्ती, चयन और नियुक्ति, प्रशिक्षण और विकास, प्रदर्शन माप, कार्यस्थल प्रेरणा और इनाम प्रणाली, कार्य जीवन की गुणवत्ता, कार्य की संरचना और मानव कारक, ऑर्गेनाइजेशनल डेवलोपमेन्ट और उपभोक्ता व्यवहार के मुद्दों को संबोधित करना आदि हैं।
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